1

The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning

News Discuss 
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । जन्म जन्म के पाप नसावे । अन्तवास शिवपुर में पावे ॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु https://shivchalisas.com

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story