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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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बूढ़ा, लाचार, इंसान अक्सर अकेला रह जाता है। माना कि तेरी नजर में शायद कुछ भी नहीं हूं मैं, तन्हाई के लम्हों में, दिल अकेलापन से भरा होता है, जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। किसी की साँसों में समाकर उसे तन्हा नहीं करते। तन्हाई https://youtu.be/Lug0ffByUck

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